
किसान आंदोलनकारियों के लाल किला में घुसने को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं .
दिल्ली के लालिकिले की देखभाल करने वाले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के पूर्व अधिकारियों ने लाल किले में किसानों के घुसने पर सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि 15 अगस्त की तरह ही 26 जनवरी पर भी लालकिले में सुरक्षा बढ़ जाती है तो यह सब हुआ कैसे.
- News18Hindi
- Last Updated:
January 27, 2021, 3:10 PM IST
रामनाथ कहते हैं कि 15 अगस्त के अलावा 26 जनवरी को भी लालकिला में रक्षा मंत्रालय की सिक्योरिटी रहती है. इतना ही नहीं गृहमंत्रालय के अधीन आने वाली दिल्ली पुलिस लाल किले के बाहरी गेट पर तैनात रहती है. इस दिन एएसआई का कोई भी अधिकारी जिसके पास उसका पहचान पत्र और प्रवेश संबंधी दस्तावेज नहीं है तो वह अंदर नहीं घुस सकता क्योंकि इस दिन इंडिया गेट (India Gate) पर पहुंचने वाली झांकियां लौटकर लाल किला ही आती हैं. ऐसे में राजपथ की तरह ही यह पूरा इलाका भी हाई अलर्ट पर रहता है. अब सवाल उठता है कि वहां किसान कैसे घुस गए.
वहीं डॉ. सइयद जमाल हसन, पूर्व डायरेक्टर एएसआई कहते हैं कि वे खुद भी आश्चर्यचकित हैं कि किसान घुसे कैसे. लालकिले का बाहरी गेट बहुत मजबूत है. जब किसान लालकिला में घुस रहे थे तो उसे तत्काल बंद क्यों नहीं किया गया.जबकि ऐसी किसी भी आपात स्थिति में गेट को बंद किया जाना होता है. इसके साथ ही इस दिन लाल किला पर आर्मी का पहरा रहता है. यहां तक कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए एएसआई के सिक्योरिटी गार्ड को भी नहीं रखा जाता. तो फिर किसान प्राचीर तक कैसे जाने दिए गए. यह लालकिला की सुरक्षा में सेंध के साथ ही सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल है.
डॉ. हसन कहते हैं कि लालकिला सिर्फ स्मारक नहीं है, बल्कि इसका महत्व आजादी की जंग से जुड़ा हुआ है. यही वजह है कि यहां तिरंगा लहराता रहता है और स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री तिरंगा लहराते हैं.
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